
एक न्यूज चैनल ने पुलिस की यह चार्जशीट उसके पास होने का दावा करते हुए कहा कि चार्जशीट में कहा गया है कि संजीव सक्सेना ने अपने फोन नंबर से अमर सिंह की तीन भाजपा सांसदों से बात कराई थी। उस रात अमर सिंह से जु़डे तीन और लोगों के फोन की संजीव सक्सेना ने इस्तेमाल किया। अमर सिंह ने पूछताछ में कहा था कि संजीव सक्सेना उनका नहीं, शाहिद सिद्दीकी की कर्मचारी है, लेकिन शाहिद सिद्दीकी ने इस बात से इनकार कर दिया। पुलिस ने अमर सिंह और संजीव सक्सेना की नजदीकियों के और भी सबूत चार्जशीट में पेश किए हैं। संजीव सक्सेना ने जिस जिप्सी से भाजपा सांसदों तक पैसा पहुंचाया, वह भी अमरसिंह के परिवार की एक कंपनी की थी।
चार्जशीट के मुताबिक भाजपा के तीन सांसदों फग्गन सिंह कुलस्ते, अशोक अर्गल और महावीर सिंह भगोरा को विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से गैरहाजिर रहने के लिए तीन-तीन करो़ड रूपए में सौदा हुआ था। इस स्टिंग ऑपरेशन के पीछे लालकृष्ण आडवाणी के करीबी रहे भाजपा नेता सुधींद्र कुलकर्णी का दिमाग था। सुधींद्र कुलकर्णी के ही घर 21 जुलाई, 2008 को भाजपा के तीन सांसदों और सुहैल हिंदुस्तानी की बैठक हुई। वहीं इन तीनों सांसदों के नाम पर कांग्रेसी या समाजवादी पार्टी के नेताओं को फोन करने की योजना बनी। इस समूची साजिश को अमली जामा पहनाने की जिम्मेदारी सुहैल हिंदुस्तानी और संजीव सक्सेना को सौंपी गई थी। इस पूरी साजिश के दौरान कुलकर्णी इन लोगों के संपर्क में रहे, यहां तक कि पैसे देते वक्त भी वह मौजूद थे. यह वही पैसा था जिसकी गडियां भाजपा के तीन सांसदों ने संसद में लहराई थी.
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