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11 फ़र॰ 2011



टीवी
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‘किस्मत’
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन अपने दर्शकों के लिए ‘किस्मत’ नामक एक नए शो का प्रसारण प्रारंभ करने जा रहा है, जिसका निर्माण यशराज फिल्म्स ने किया है। ‘किस्मत’...
बॉलीवुड
WD
सलमान-कैटरीना
सलमान खान और कैटरीना कैफ के करोड़ों प्रशंसक सहित बॉलीवुड के तमाम लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि कैटरीना-सलमान साथ हैं या नहीं। दोनों ने इस...
हेअर स्टाइलिस्ट और रणबीर कपूर के दोस्त आलिम के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा जब उनकी... आगे पढें...
मिर्च-मसाला
कंगना के ब्रेस्ट पर ‘बॉयफ्रेंड’ का नाम!
Kangna
IFM

कंगना अपने बॉयफ्रेंड के प्यार में इस कदर दीवानी हो गई कि उन्होंने अपने ब्रेस्ट के ऊपरी हिस्से पर बॉयफ्रेंड के नाम का टैटू बनवा लिया। लिखा है ‘अवस्थी’। आप हैरत में पड़ गए होंगे कि कंगना का नाम आदित्य पंचोली और अध्ययन सुमन से अब तक जोड़ा गया है। ये ‘अवस्थी’ कौन है, जिसके प्यार...

10 फ़र॰ 2011

क्रिकेट मैचों का मौसम आते ही देश-दुनिया में सट्‍टेबाजों के चेहरे खिल उठते हैं

बेबी पांडे : क्रिकेट मैचों का मौसम आते ही देश-दुनिया में सट्‍टेबाजों के चेहरे खिल उठते हैं और जब मामला विश्वकप का हो तो इन सट्‍टेबाजों के लिए ये प्रसंग किसी कुंभ के मेले से कम नहीं होता।

खबर लगी है कि भारत में क्रिकेट सट्‍टेबाजों का गढ़ कहे जाने वाला मुंबई इस बार सतर्क हो गया है और यहाँ के नामचीन सट्‍टेबाजों ने अपना ठिकाना बदल लिया है।

सट्‍टेबाजों के नए ठिकाने : करोड़ों रुपयों का सट्‍टा खाने वाले इस सट्‍टेबाजों ने अपना नया ठिकाना गोआ, दमन, लोनावाला और महाबलेश्वर को बनाया है। यहाँ पर बड़ी होटलों के कमरे बुक हो चुके हैं। यही नहीं इन सट्‍टेबाजों ने गुपचुप तरीके से आलीशान बंगले तक किराये पर ले लिए हैं।

बाहर ताला अंदर सट्टा : विश्वकप की शुरुआत से ठीक पहले सट्‍टेबाज सक्रिय हो जाएँगे। यह भी जानकारी मिली है कि पुलिस से बचने के लिए वे होटलों के बुक कमरों और बंगलों में बाहर से ताला लगाकर ये जताने की कोशिश करेंगे कि यहाँ तो कोई रहता ही नहीं और फिर हाईटैक तरीके से अपने धंधे को संचालित करेंगे। मोटा अनुमान ये लगाया जा रहा है कि इस बार विश्वकप पर 1 लाख करोड़ रुपए का सट्‍टा लगेगा।

धंधा बेखौफ चलेगा : चूँकि पुलिस की नजर में मुंबई सट्‍टेबाजों का सबसे बड़ा केन्द्र माना जाता है, लिहाजा वहाँ पर सबकी नजरें लगी होंगी और सट्‍टेबाजी के उस्ताद दूसरे स्थानों से बैठकर अपने कारोबार को अंजाम देंगे। छोटे स्थानों पर खुफिया तंत्र ज्यादा सक्रिय नहीं होता, इसलिए इन सट्‍टेबाजों को पूरा भरोसा है कि वे बेखौफ होकर अपने काम को अंजाम दे पाएँगे।

अतीत इस बात का साक्षी रहा है कि क्रिकेट की सट्‍टेबाजी में यदि दाँव सही बैठ गया तो एक दिन में करोड़ों रुपए वारे न्यारे हो जाते हैं। विश्वकप के दरमियान क्रिकेट पर सट्‍टा लगाने वाले जितने बेताब होते हैं, उससे कहीं उत्सुक क्रिकेट का सट्‍टा खाने वाले होते हैं।

दूसरे स्थानों पर भी जमकर सट्‍टेबाजी : मुंबई के अलावा अहमदाबाद, इंदौर, कानपुर, भोपाल में भी क्रिकेट मैचों पर जमकर सट्‍टेबाजी होती है। पहले सभी दूसरे केन्द्रों के तार सीधे मुंबई से और मुंबई के सट्‍टेबाजों के तार दुबई-कराची से जुड़े रहते थे, लेकिन मुंबई का पता बदलने से सट्‍टेबाज दूसरे स्थानों पर संपर्क करेंगे।

भारत विश्वकप का प्रबल दावेदार : कुछ दिन पहले एक संवाद एजेंसी ने सट्‍टेबाजों से मिली जानकारी का खुलासा करते हुए बताया था कि सटोरिये 19 फरवरी से शुरू हो रहे विश्वकप में भारत को जीत का सबसे प्रबल दावेदार मान रहे हैं। सट्‍टेबाजों ने भारत का भाव 3 रुपए 40 पैसे रखा है।

विश्वकप के अन्य दावेदार : भारत के बाद श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया विश्वकप जीतने के प्रबल दावेदार हैं। सटोरियों ने श्रीलंका का 4 रुपए 75 पैसे, दक्षिण अफ्रीका का पाँच रुपए 25 पैसे है जबकि चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को चौथा संभावित विजेता मानते हुए उसका भाव 5 रुपए 70 पैसे खोला है।


पाकिस्तान का भाव 10 रुपए : अन्य टीमों में इंग्लैंड का 5 रुपए 75 पैसे, पाकिस्तान 10 रुपए, न्यूजीलैंड 20 रुपए, वेस्टइंडीज 22 रुपए और बांग्लादेश का भाव 40 रुपए रखा है

9 फ़र॰ 2011



FILE
मनमोहनसिंह पर स्वतंत्र भारत की अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार की अगुवाई करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने मंगलवार को कहा कि इसरो द्वारा दुर्लभ एस-बैंड स्पेक्ट्रम आवंटन के कारण दो लाख करोड़ रुपए का नुकसान होने के ‘घोटाले’ में प्रधानमंत्री अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही से नहीं बच सकते। भाजपा ने प्रधानमंत्री से कुछ सीधे सवाल किए और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी....
पूर्व स्पाइस गर्ल विक्टोरिया बेकहम ने वोग मैगजीन से कथित रूप से कहा है कि वे इस फैशन पत्रिका के लिए गर्भवती होने के बावजूद नग्न फोटो खिंचवाएँगी। स्टार मैगजीन के मुताबिक गायिका से फैशन डिजाइनर बनी विक्टोरिया इस संबंध में इसकी संपादक अन्ना विंटुअर के साथ बातचीत कर रही हैं। एक सूत्र ने कहा कि यह करना कोई प्रचलन वाली बात नहीं है, लेकिन टीम इस...
• संगमा को मोबाइल नंबर से धोखाधड़ी• पीएफ दावों की जानकारी अब ऑनलाइन
• गुंडे चढ़ गए हाथी पर...• व्यक्ति को जीन बनाते हैं निराशावादी
• ईरान के पास पोत भेदी मिसाइल!• उप्र में पेश हुआ 'मायावी' बजट

7 फ़र॰ 2011

अधिक आय ईमू पालन?


बेबी पांडे  = हाधी  के संबंध में एक कहावत है कि जिंदा लाख का और मर गया तो सवा लाख का। यही कहावत शुतुरमुर्ग पर भी फिट बैठती है। जिंदा सुतुरमुर्ग साल में 30 अंडे देता है। एक अंडा करीब 2000 रुपए में बिकता है अर्थात 60000 रुपए।

लेकिन यदि शुतुरमुर्ग मर गया तो 45 से 50 किलों माँस के 45 से पचास हजार रुपए और उसकी चर्बी से 4 से 6 लीटर तेल निकलता है, जो 45 सौ रुपए लिटर बिकता है अर्थात 18 से 27 हजार रुपए। इसके अलावा इसकी चमड़ी से 8 वर्ग फीट लेदर निकलता है और इसके दोनों पंख बेहत किमती होते हैं। फिर इसके नाखून, दाँत और बालों की अलग अलग किमतें हैं। कुल मिलाकर यह 100000 के करीब। आय के मामले में ईमू से सैकड़ों गुना अधिक आय प्राप्त होती है।

भारत में शुतुरमुर्ग की तरह विशालकाय ईमू के पालन का प्रचलन धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है। मूलतः यह ऑस्ट्रेलियन पक्षी है। यह केवल एक साल में ही पाँच फुट के हो जाते हैं। जबकि इनकी उम्र करीब 40 वर्ष होती है। 35 वर्ष की उम्र तक यह अंडे देते हैं। ईमू किसी भी वातावरण में रह सकता है। ईमू गर्मी में 52 डिग्री तापमान में रह सकता है तो ठंड में शून्य डिग्री तापमान में भी। भारत में एक जोड़ा ईमू लगभग 20000 रुपए में मिलता है।

भारत में ईमू पालन की शुरुआत 1996 से हुई। वाणिज्य मंत्रालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में शुतुरमुर्ग पालन व उसके माँस निर्यात की मंजूरी 1996 में दी थी। आज देश में लगभग एक हजार शुतुरमुर्ग पालन केन्द्र खुल चुके हैं। जिसमें से ज्यादातर फार्म महाराष्ट्र में हैं। आंधप्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा में भी इसका प्रचलन बढ़ गया। देश में हर साल करीब लगभग 33 हजार टन शुतुरमुर्ग-माँस का उत्पादन हो रहा है। यूरोप व अमेरिकी देशो में शुतुरमुर्ग-माँस की माँग बढ़ती ही जा रही है। ग्लोबल आस्ट्रिच इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी ने नवम्बर 1997 में शुतुरमुर्ग के लिए फार्महाउस की शुरुआत की थी। मध्यप्रदेश में भी अब शुतुरमुर्ग फार्म हाउस देखे जा सकते हैं।

*अंडे का कमाल : इसके अंडों का आकार बहुत बड़ा होता है सामान्य मुर्गी के अंडे की अपेक्षा 23 गुना ज्यादा बड़े होते हैं। इसके एक अंडे का वजन 1 से 2 किलो तक का हो सकता है। एक अकेला अंडा ही पूरे परिवार का पेट भर सकता है। इसके एक अंडे से लगभग 14 से अधिक ऑमलेट बन सकते हैं।

शुतुरमुर्ग का अंडा बेहद पोषक होता है। कोलेस्ट्रॉल फ्री ईमू के अंडे की सबसे ज्यादा माँग फाइव स्टार सहित बड़े होटलों में है। इसके एक अंडे की कीमत डेढ़ हजार से दो हजार के बीच है। एक ईमू प्रत्येक वर्ष 15 से 30 अंडे देती है और यह क्रम नियमित 30 सालों तक जारी रहता है।

*माँस से माल : ईमू के अंडे के अलावा इसका माँस 98 फीसदी कोलेस्ट्रॉल फ्री होता है और इसमें सबसे ज्यादा प्रोटीन होता है। डाइबिटीज और हार्ट के मरीज के लिए ईमू का माँस रामबाण की तरह माना जाता है। कई डॉक्टर मरीजों को इसका माँस खाने की सलाह देते हैं।

5 से 6 फीट कद वाले ईमू का वजन 45 से 50 किलो होता है और इसका माँस एक हजार रुपए प्रति किलो बिकता है। एक व्यस्क ईमू की कीमत 50 हजार रुपए से भी अधिक और तीन माह के छोटे ईमू की 10 हजार रुपए है।

*चर्बी का कमाल : अंडा और माँस ही नहीं ईमू की चर्बी भी बहुत कीमती और गुणकारी होती है। ईमू की चर्बी से 4 से 6 लीटर तेल निकलता है। इसका तेल लगभग 45 सौ रुपए प्रति लीटर बिकता है। फर्मास्यूटिकल्स कंपनी दवा बनाने में इसका इस्तेमाल करती है। इसके अलावा फैशन इंडस्ट्री में भी ईमू के तेल की माँग बहुत ज्यादा है। त्वचा और नाखून को सुन्दर बनाने वाले उत्पाद में भी इसके तेल का इस्तेमाल किया जाता है। इसके तेल कई बीमारियों के दर्दों से राहत दिलाता है।

इतना ही नहीं इसकी स्किन (लेदर) बहुत ही मुलायम होती है। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय लेदर बाजार में इसकी बहुत माँग है। इसके लेदर से जूते, पर्स, बैग, जैकेट, बेल्ट आदि बनाए जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय लेदर ब्रांडों में इसी के लेदर का इस्तेमाल किया जाता है जो काफी मँहगा होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक ईमू से करीब 8 वर्ग फीट लेदर निकाला जा सकता है।

*पंख का कमाल : इमू के पंखों से फैदर बनता है। वहीं इसकी खाल अच्छी किस्म के महँगे लेदर के तौर पर काम आती है। ईमू के पंख की माँग भी बहुत ज्यादा है। खासकर फैशन, आर्ट एवं क्राफ्ट इंडस्ट्री में। इसके पंख से डस्टर पैड, पंखा, मास्क्स, तकिया, ब्लेजर, ज्वेलरी और क्रॉफ्ट का सामान बनाया जाता है। इस तरह ईमू के मरने के बाद उसके हर अंग को बेचकर पैसा कमाया जाता है।

*ईमू का खान पान : ईमू का खाना भी कोई विशेष नहीं है बल्कि हरी घास, द्घास और मुर्गी दाना इसके लिए पर्याप्त है। एक ईमू पर सालाना 10 से बारह हजार रुपए खर्च होता हैं।

ईमू फर्मिंग के लिए जगह : 10 जोड़ा ईमू पालन के लिए लगभग 6 से 10 एकड़ जमीन का उपयोग करना होता है, जिसमें एक शेट, पानी का होद और खाने का अलग स्थान बनाना होता है। जहाँ कुछ छायादार झाड़ और चारों ओर से फार्मिंग को तारों से कवर्ड किया जाता है। फार्मिंग में पानी की भरपूर व्यवस्था होना जरूरी।

*ईमू फार्मिंग का रख रखाव: ईमू फार्मिंग में साफ सफाई की विशेष व्यवस्था रखना होती है। ईमू को मल को प्रतिदिन फार्म हाउस के बाहर निकालना जरूरी होता है अन्यथा इससे बेक्टिरियाँ फेलने के खतरा रहता है। ईमू के भोजना का जाँच-परख कर ही उन्हें भोजना खिलाएँ। प्रति माह पशुचिकित्सक से ईमू की जाँच कराते रहें। बारिश में ईमू की खास देखभाल की जाती है अन्यथा इनके रोगी होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके लिए बेहतर शेड की जरूरत होती है।

कुछ बताते हैं कि मुर्गियों की तरह इसको भारत में किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं लगती क्योंकि इसको लगने वाले बैक्टीरिया भारत में नहीं पाए जाते, लेकिन कुछ विशेषज्ञ इस राय से इत्तेफाक रखते हैं। ईमू पालन के लिए भारत सरकार से अनुमति की आवश्यकता होती है। हालाँकि पशु प्रेमी इसके पालन का विरोध करते हैं